THE BEST SIDE OF SHIV CHAISA

The best Side of Shiv chaisa

The best Side of Shiv chaisa

Blog Article

जो यह पाठ करे मन लाई। ता पर होत है शम्भु सहाई॥

अर्थ: हे भगवन, देवताओं ने जब भी आपको पुकारा है, तुरंत आपने उनके दुखों का निवारण किया। तारक जैसे राक्षस के उत्पात से परेशान देवताओं ने जब आपकी शरण ली, आपकी गुहार लगाई।

तुरत षडानन आप पठायउ। लवनिमेष महँ मारि गिरायउ॥

लै त्रिशूल शत्रुन को मारो। संकट से मोहि आन उबारो॥

नमो नमो दुर्गे सुख करनी। नमो नमो दुर्गे दुःख हरनी॥ निरंकार है ज्योति तुम्हारी। तिहूँ लोक फैली उजियारी॥

अर्थ: पवित्र मन से इस पाठ को करने से भगवान शिव कर्ज में डूबे को भी समृद्ध बना देते हैं। यदि कोई संतान हीन हो तो उसकी इच्छा को भी भगवान शिव का प्रसाद निश्चित रुप से मिलता है। त्रयोदशी (चंद्रमास Shiv chaisa का तेरहवां दिन त्रयोदशी कहलाता है, हर चंद्रमास में दो त्रयोदशी आती हैं, एक कृष्ण पक्ष में more infoshiv chalisa in hindi एक शुक्ल पक्ष में) को पंडित बुलाकर हवन करवाने, ध्यान करने और व्रत रखने से किसी भी प्रकार का कष्ट नहीं रहता।

कानन कुण्डल नागफनी के ॥ अंग गौर शिर गंग बहाये ।

वेद माहि महिमा तुम गाई। अकथ अनादि भेद नहिं पाई॥

जो यह पाठ करे मन लाई। ता पर होत है शम्भु सहाई॥

कभी-कभी भक्ति करने को मन नहीं करता? - प्रेरक कहानी

बुरी आत्माओं से मुक्ति के लिए, शनि के प्रकोप से बचने हेतु हनुमान चालीसा का पाठ करें

नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे। सागर मध्य कमल हैं जैसे॥

वेद माहि महिमा तुम गाई। अकथ अनादि भेद नहिं पाई॥

लिङ्गाष्टकम्

Report this page